Letter written to Ma Yoga Sohan on 27 Aug 1966. It is unknown if it has been published or not.
आचार्य रजनीश
प्यारी सोहन,
मैं नेपानगर गया था। कल ही लौटा हूँ। लौटते ही तेरा पत्र मिला है। नेपानगर के गेस्ट हाउस में तेरी बड़ी याद आई। ऐसी सुन्दर जगह थी कि स्वाभाविक था की तुझे दिखाने का मन होता। अबकी बार वहां गया तो तुझे बुलाऊँगा। वाशीं का एक निमंत्रण मिला वहां गया तो तो तुझे चलना ही है। आमंत्रक को मैंने मिलने के लिए पूना बुलाया है। २९ अग. गाडरवारा जारहा हूँ। उसके बाद २ सित. को इंदौर जाऊँगा। श्रावण पर तूने बुलाया है ? मैं कहीं भी रहूँ तेरे पास तो रहूँगा ही। उस दिन के लिए तो निश्चय ही।
माणिक बाबू को प्रेम। बच्चों को आशीष। अब तो मिलने का समय बिल्कुल निकट ही है।
रजनीश के प्रणाम
२७/८/१९६६
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जीवन जागृती केन्द्र : ११५ नेपियर टाउन : जबलपुर (म.प्र.)